आधुनिक लिथुआनिया:
एक छोटे देश की बड़ी पहचान
लिथुआनिया एक छोटा लेकिन गहरा इतिहास वाला देश है,
जो बाल्टिक सागर के पास यूरोप के केंद्र में स्थित है। लगभग
2.7 मिलियन की आबादी वाला यह देश,
भले ही यूरोप के नक्शे पर छोटा दिखे,
लेकिन इसकी सांस्कृतिक,
ऐतिहासिक और राजनीतिक विरासत समृद्ध और जटिल है।
1990 में,
पचास साल के सोवियत कब्जे के बाद,
लिथुआनिया ने अपनी स्वतंत्रता वापस पाई और एक आधुनिक,
लोकतांत्रिक और यूरोपीय राष्ट्र के रूप में दृढ़ता से खुद को स्थापित किया।
भूगोल और प्रकृति
इस देश का परिदृश्य शांत और सौम्य है:
हरे-भरे मैदान,
घने जंगलों से घिरे,
जिनके बीच हजारों झीलें और नदियाँ बिखरी हुई हैं। सबसे बड़ी नदी,
नेमुनास,
लंबे समय तक व्यापार और संस्कृति के लिए एक महत्वपूर्ण जलमार्ग रही है। लिथुआनिया अपनी अनोखी कुर्शियन स्पिट
(Curonian Spit) रेत के टीलों के लिए भी प्रसिद्ध है,
जो यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में शामिल हैं और हर साल हजारों पर्यटकों को आकर्षित करते हैं। देश की प्रकृति को सावधानीपूर्वक संरक्षित किया जाता है,
और पर्यावरणीय जागरूकता लगातार बढ़ रही है।
भाषा और भारत के साथ इसके संबंध
लिथुआनियाई भाषा लिथुआनिया की सबसे दिलचस्प और अनूठी विशेषताओं में से एक है। यह हिन्द-यूरोपीय भाषा परिवार से संबंधित है और इसे दुनिया की सबसे पुरानी जीवित भाषाओं में से एक माना जाता है। वास्तव में,
लिथुआनियाई भाषा का संस्कृत से एक अद्भुत समानता है,
जो प्राचीन भारत की एक पवित्र भाषा है। लिथुआनियाई भाषा में कई शब्द,
व्याकरणिक रूप और ध्वनियाँ संस्कृत से आश्चर्यजनक रूप से मेल खाती हैं। उदाहरण के लिए,
लिथुआनियाई शब्द
"dievas" (देवस) संस्कृत के
"deva" (देव) से मिलता-जुलता है,
और
"sūnus" (सूनुस) "sunu" (सुनु)
से। यह समानता हिन्द-यूरोपीय पूर्वजों की साझा जड़ों का प्रमाण है और इसका वैज्ञानिक अध्ययन जारी है।
शिक्षा प्रणाली
लिथुआनिया की शिक्षा प्रणाली उच्च गुणवत्ता और वैश्विक मानकों पर आधारित है। देश में मुफ्त शिक्षा उपलब्ध है और साक्षरता दर लगभग
100% है। लिथुआनियाई विश्वविद्यालय,
जैसे कि विल्नियस विश्वविद्यालय और कौनास प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय,
दुनिया भर के छात्रों को आकर्षित करते हैं। यह देश विशेष रूप से सूचना प्रौद्योगिकी,
इंजीनियरिंग और चिकित्सा के क्षेत्रों में अपने मजबूत शैक्षणिक कार्यक्रमों के लिए जाना जाता है। शिक्षा और नवाचार पर जोर देना लिथुआनिया के विकास और प्रतिस्पर्धात्मकता के लिए महत्वपूर्ण है।
इतिहास और राज्य का दर्जा
लिथुआनिया का इतिहास भव्यता और त्रासदी से भरा हुआ है। मध्य युग में,
13वीं शताब्दी में,
लिथुआनिया यूरोप में एकमात्र मूर्तिपूजक राज्य था,
जिसने
immense शक्ति प्राप्त की और महाद्वीप के केंद्र में सबसे बड़ा देश बन गया। यह बाल्टिक सागर से लेकर काले सागर तक फैला हुआ था,
और शक्तिशाली ग्रैंड ड्यूकों द्वारा शासित था। सदियों से,
लिथुआनिया ने कई संघों,
विभाजनों और कब्जों का अनुभव किया,
जिसमें पचास साल से अधिक का सोवियत काल भी शामिल है।
11 मार्च,
1990 को,
लिथुआनिया सोवियत संघ के गणराज्यों में से पहला था जिसने अपनी स्वतंत्रता को बहाल किया,
जिसने पूरे पूर्वी यूरोप में शांतिपूर्ण बदलाव की लहर शुरू की।
भारत के साथ राजनीतिक संबंध
लिथुआनिया और भारत के बीच संबंध सौहार्दपूर्ण हैं और लगातार मजबूत हो रहे हैं। दोनों देश राजनीतिक,
आर्थिक और सांस्कृतिक क्षेत्रों में सक्रिय रूप से सहयोग करते हैं।
2018 में,
भारत के उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने लिथुआनिया का दौरा किया,
और
2019 में,
भारत के राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने एक आधिकारिक यात्रा की
- यह लिथुआनिया में एक भारतीय नेता की पहली उच्च-स्तरीय यात्रा थी। इस यात्रा ने विशेष रूप से विज्ञान,
नवाचार और सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्रों में नए सहयोग के अवसर खोले।
लिथुआनिया में भारतीय समुदाय
हाल के वर्षों में,
लिथुआनिया में भारतीयों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। उनमें से अधिकांश छात्र और आईटी पेशेवर हैं,
जो लिथुआनिया को अध्ययन और काम करने के लिए एक आशाजनक जगह मानते हैं। भारतीय विशेष रूप से लिथुआनिया की उच्च शिक्षा की गुणवत्ता और स्टार्टअप्स के लिए अनुकूल परिस्थितियों की सराहना करते हैं। यह बढ़ता समुदाय लिथुआनिया की सांस्कृतिक विविधता में योगदान देता है और दोनों राष्ट्रों के बीच पुल का निर्माण करता है।
अर्थव्यवस्था और नवाचार
आज, लिथुआनिया एक आधुनिक,
खुली अर्थव्यवस्था है। यह देश तेजी से सूचना प्रौद्योगिकी और वित्तीय सेवा क्षेत्रों का विकास कर रहा है। स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र सफलतापूर्वक बढ़ रहा है,
और लिथुआनिया नए व्यवसायों की स्थापना के मामले में क्षेत्र में एक अग्रणी है। लिथुआनिया का आईटी क्षेत्र अपने उच्च योग्य पेशेवरों के लिए जाना जाता है जो दुनिया भर से निवेश आकर्षित करते हैं।
पर्यटन और संस्कृति
लिथुआनिया में पर्यटन सालाना बढ़ रहा है। लोग न केवल विल्निअस,
कौनास और क्लेपीडा के प्रभावशाली पुराने शहरों से आकर्षित होते हैं,
बल्कि शांत,
प्रामाणिक प्रकृति से भी आकर्षित होते हैं। लिथुआनिया अपने विकसित बुनियादी ढांचे,
कई आयोजनों और मेहमाननवाज निवासियों पर गर्व कर सकता है। लिथुआनियाई संस्कृति लोकगीत उत्सवों,
लोक कलाओं और गहरी परंपराओं के माध्यम से जीवंत और प्रामाणिक है।
निष्कर्ष
संक्षेप में,
लिथुआनिया एक ऐसा देश है जो सोवियत शासन से एक समृद्ध लोकतांत्रिक राज्य में कम समय में बदलाव करने में कामयाब रहा। संस्कृत भाषा के साथ इसका अनूठा संबंध,
भारत के साथ मजबूत हो रहे रिश्ते और एक आधुनिक,
नवाचार-उन्मुख अर्थव्यवस्था इसे पर्यटकों और निवेशकों दोनों के लिए एक आकर्षक और दिलचस्प देश बनाते हैं। लिथुआनिया दिखाता है कि कैसे एक छोटा देश अपनी सांस्कृतिक पहचान बनाए रखते हुए और तेजी से बदलते दुनिया के साथ कदम से कदम मिलाकर वैश्विक संदर्भ में एक बड़ा प्रभाव डाल सकता है।

Komentarų nėra:
Rašyti komentarą